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मन की गति की तुलना इस जग में नहीं है दिल जोड़ने की बात इन्सान की खुदगर्जी दिखाई दे रही है इस अछांदस काव्य में। अंतिम यात्रा कीस्मत की मारी माँ तरस गयी पाणी की बुंद को इस दौर में सब सूरज से शीतलता चाहते है भरी रात में चाँद को जलता चाहते है |

Hindi इस कविता में इश्कमजाजी से इश्कहकीकी को जोड़ने की चेष्टा की गयी है Poems