ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है ये कविता महज़ एक आत्मा की उत्पत्ति है
कभी मेरी रूह कांपती है, ये सोच कर कि, मरने के बाद मै कहाँ रहूंगा ? कभी मेरी रूह कांपती है, ये सोच कर कि, मरने के बाद मै कहाँ रहूंगा ?
शर्त सी लगी है दिल तोड़ने की जहान में, ताज्जुब तो तब हो जब दिल जोड़ने की बात हो ! शर्त सी लगी है दिल तोड़ने की जहान में, ताज्जुब तो तब हो जब दिल जोड़ने की बात ह...
एक गुल्लक के मुख से यह कही गई है। एक गुल्लक के मुख से यह कही गई है।
किस्मत के मारो को मिला आसरा खुदा के घर। किस्मत के मारो को मिला आसरा खुदा के घर।
'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है 'ये दौर' ऐसी कविता है जो हमे अपने अंदर झाँकने पर मजबूर करती है